जोक्स हिंदी में JOKES AND CHUTKULE

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है..
आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है..

अपने घर की कलह से फुरसत मिले..तो सुने..
आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..

जहां, जब, जिसका, जी चाहा थूक दिया..
आजकल हाथों में पीकदान कौन रखता है..

खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..
आजकल परिंदों मे जान कौन रखता है..

हर चीज मुहैया है इस शहर में किश्तों पर..
आजकल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..

बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां बाप को..
‘परम’ आजकल घर में पुराना सामान कौन रखता

बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे,
जहां चाहा रो लेते थे…

पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आंसुओ को तन्हाई !

हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से…
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में !

चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं…
जिन्दगी तुम हमें ढूंढो…हम तुम्हे ढूंढते हैं …!!!”‪