पप्पु जोर:जोर से रो रहा था

पप्पु जोर:जोर से रो रहा था; पङोसयो ने रोनेका कारण पूछा तो ऊसने बताया - दादाजी चल बसे
पङोसी - कब:कैसे.? कल रात ही तो ऊन्कों देखा था बढे तंदरुष्त लग रहे थे

पप्पु - आज सूबह को वे टि.वी पर बाबा:आराम देवजी का योग सिखाने का प्रोग्राम देखते समय
पङोसी - टिवी देखते हूऐ; अच्छा.!

पप्पु - हा बाबा:आराम देवजी जैसा जैसा सिखा रहे थे; दादाजी भी वैसा वैसा कर रहे थे
- जब बाबाजी यह बतीया रहे थे कि
"अपनी ऐक टाँग ऊठाके अपने गले मे लपेटो दादाजी ने भी वैसा कीया; कि लाईट चली गई"
# और वे भी चल दिये
गुदगुदी JOKES AND CHUTKULE - पप्पु जोर:जोर से रो रहा था पप्पु जोर:जोर से रो रहा था; पङोसयो ने रोनेका कारण पूछा तो ऊसने बताया - दादाजी चल बसे
पङोसी - कब:कै

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