क्या लिखूं क्या ना लिखूं

क्या लिखूं क्या ना लिखूं, आरज़ू मदहोश है, आँसू गिरते हैं पन्नो पर और कलम खामोश है...

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भावार्थ:

लेखक परीक्षा में बैठा है और पर्चा देख उसे घबराहट हो रही है; दिमाग चकरा रहा है; माता-पिता की नसीहत याद कर रोना आ रहा है। क्योंकि उसको कुछ याद नही आ रहा।
नटखट JOKES AND CHUTKULE - क्या लिखूं क्या ना लिखूं क्या लिखूं क्या ना लिखूं, आरज़ू मदहोश है, आँसू गिरते हैं पन्नो पर और कलम खामोश है...
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