Natkhat Bachpan ke wo din by Rajiv बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे,जहां चाहा रो लेते थे…पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिएऔर आंसुओ को तन्हाई !हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से…देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में !चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं…जिन्दगी तुम हमें ढूंढो…हम तुम्हे ढूंढते हैं …!!!”NATKHAT JOKES AND CHUTKULE - Bachpan ke wo din is a great joke about हिंदी में जोक्स. It is a hilarious joke if you like हिंदी में जोक्स and जोक्स हिंदी में. Show More Jokes 2 Points 0 Comments TagsHindi Jokes Natkhat Jokes हिंदी में जोक्सहिंदी में जोक्सजोक्स हिंदी में