नटखट गुरू जी नमस्ते! पहचाना by Diksha गुरू जी नमस्ते!पहचाना..?? मैँ आपका शिष्य कल्लू बोल रहा हूँ।अरे ! कल्लू कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद…मेरी याद कैसे आ गई ?? …और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन सा मुश्किल था ?जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है। …दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। …और आपने बचपन मेँ कहा था की जबभी कोई काम शुरू करना हमसे उदघाटन जरूर कराना।तो हम अपने काम का उदघाटन आपसे ही कराना चाहते है।अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उदघाटनके लिये हमेँ ?गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..आपका ‘छोटूवा’ हमरे कब्जे मेँ है।आज से ही ‘अपरहण’ का धंधा चालू किया तो सोचा की ‘उदघाटन’ आपके शुभ हाथो से ही हो।नटखट JOKES AND CHUTKULE - गुरू जी नमस्ते! पहचाना गुरू जी नमस्ते! पहचाना..?? मैँ आपका शिष्य कल्लू बोल रहा हूँ। अरे ! कल्लू कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद… मे Show More Jokes 2 Points 0 Comments TagsHindi Jokes नटखट Jokes