क्या हालात हो गए हैं…
बापू बोलो तो गांधीजी की जगह “आशाराम” दिखते हैं,
राधे कहो तो “राधे माँ” दिखती है,
किसी को “आप” कहकर संबोधित करो तो “केजरीवाल पार्टी” आ जाती है,
नमो नमः का ध्यान करो तो “मोदी जी” ध्यान में बोलते हुए नजर आते हैं,
किसी बच्चे को पप्पू कहो तो खुद को राहुल गॉंधी समझने लगता है
और तो और
किसी को शुभकामना देने से पहले हार्दिक बोलने में भी डर लगता है,
हार्दिक पटेल नजर आने लगते हैं